मेरे दोस्तों ने मेरी मां की चूत गांड चोदी
(Bete Ke Doston Ne Meri Maa Ki Chut Gand Chodi)
दोस्तो, मैं फेहमिना आप सबके सामने एक नई कहानी लेकर आई हूँ। आप सबके भेजे हुए मेल मिल मुझे मिल रहे हैं, मैं सभी मेल का जवाब नहीं दे सकती मगर जितना हो सकता है मैं जवाब देने की कोशिश करती हूँ।
आप सभी अपना प्यार मेल के जरिये मुझे ऐसे ही भेजते रहिये।
आप सभी अपना प्यार मेल के जरिये मुझे ऐसे ही भेजते रहिये।
यह सेक्स स्टोरी मेरे पुराने प्रशंसक अमन ने भेजी है। अमन की जुबानी ही अब आप सभी कहानी का मज़ा लीजिये।
दोस्तो, मेरा नाम अमन है, आपने मेरी भेजी हुई कहानी का पहला भाग
मेरी चुदक्कड़ माँ की चूत और गांड
तो पढ़ा ही होगा जिसमें मैंने अपनी रंडी माँ की चूत और गांड की चुदाई की थी।
मेरी चुदक्कड़ माँ की चूत और गांड
तो पढ़ा ही होगा जिसमें मैंने अपनी रंडी माँ की चूत और गांड की चुदाई की थी।
उस दिन शिल्पा ने मुझे बताया कि उसने किस किस से अपनी चुदाई करवाई थी। मैं उसके मुंह से ये सब सुनकर एकदम चौंक गया कि उसने मेरे 4 दोस्तों के साथ भी चुदाई करवाई है।
हम उस दिन चुदाई के बाद नंगे ही बिस्तर पर पड़े हुए थे तो मैंने शिल्पा से कहा- मेरी रंडी, तूने मेरे दोस्तों को चुदाई के लिए कैसे पटाया?
तो वो हंस कर बोली- मैंने उन्हें नहीं पटाया बल्कि उन्होंने मुझे ब्लैकमेल करके चोदा था।
तो वो हंस कर बोली- मैंने उन्हें नहीं पटाया बल्कि उन्होंने मुझे ब्लैकमेल करके चोदा था।
मैंने उससे कहा- पूरी कहानी बता मेरी रानी?
तो शिल्पा ने मुझे उसकी चुदाई की कहानी बताई जो मैं आप सबके सामने उसी की तरफ से लिख रहा हूँ।
तो शिल्पा ने मुझे उसकी चुदाई की कहानी बताई जो मैं आप सबके सामने उसी की तरफ से लिख रहा हूँ।
आगे की सेक्स स्टोरी मेरी माँ की जुबानी..
एक दिन जब तू स्कूल गया हुआ था तो तेरे पापा के दोस्त शर्मा जी मेरे घर आये, वो मेरी चुदाई करने ही आए थे।
हम दोनों चुदाई कर रहे थे तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी तो मैं बस गाऊन पहनकर देखने चली गई, देखा वो तेरा दोस्त राहुल था। उसने मुझे देखा तो उसे शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है तो वो तेरे बारे में पूछने लगा तो मैंने उसे बता दिया कि वो स्कूल गया है।
हम दोनों चुदाई कर रहे थे तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी तो मैं बस गाऊन पहनकर देखने चली गई, देखा वो तेरा दोस्त राहुल था। उसने मुझे देखा तो उसे शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है तो वो तेरे बारे में पूछने लगा तो मैंने उसे बता दिया कि वो स्कूल गया है।
मैं चाहती थी कि वो जल्दी से चला जाये मगर वो कुछ और ही सोच रहा था, वो बोला- आंटी अंदर नहीं बुलाओगी?
तो मैंने ना चाहते हुए भी उसे अंदर बुला लिया।
तो मैंने ना चाहते हुए भी उसे अंदर बुला लिया।
वो अंदर गया और बैठ गया फिर इधर उधर की बात करने लगा। मगर मुझे उसकी बातों में कोई दिलचस्पी नहीं थी क्यूंकि उस वक़्त मेरी चुदाई अधूरी थी तो मेरी चूत में खुजली मच रही थी, मैं बार बार अपनी चूत खुजा रही थी।
यह बात राहुल ने देख ली, वो मुझसे बोला- आंटी कोई परेशानी है क्या?
मैंने ‘कुछ नहीं’ बोल दिया।
यह बात राहुल ने देख ली, वो मुझसे बोला- आंटी कोई परेशानी है क्या?
मैंने ‘कुछ नहीं’ बोल दिया।
मगर तभी अंदर से शर्मा जी नंगे ही बाहर आ गए, उन्हें देखकर राहुल सब समझ गया मगर अब मेरी गांड फटने लगी।
राहुल को देखकर शर्मा जी अंदर भाग गए तो राहुल बोला- आंटी, ये सब क्या चल रहा है? मैं अमन को इस बारे में सब बताऊंगा।
अब मैं डर गई, मैंने उससे विनती की कि वो तुझे कुछ न बताये मगर वो बोला- इसमें मेरा क्या फायदा है?
तो मैंने कहा- तू जो कहेगा मैं वो करने के लिए तैयार हूँ।
अब मैं डर गई, मैंने उससे विनती की कि वो तुझे कुछ न बताये मगर वो बोला- इसमें मेरा क्या फायदा है?
तो मैंने कहा- तू जो कहेगा मैं वो करने के लिए तैयार हूँ।
राहुल के चहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई और उसने गाऊन के ऊपर से मेरे बूब्स पकड़ लिए और बोला- मेरी जान, मैं भी तुझे चोदना चाहता हूँ।
मुझे अंदाजा था कि वो ऐसा ही कुछ बोलेगा मगर फिर भी मैं थोड़ा नाटक करने लगी कि मैं ये सब नहीं कर सकती… तू मेरे बेटे जैसा है।
मुझे अंदाजा था कि वो ऐसा ही कुछ बोलेगा मगर फिर भी मैं थोड़ा नाटक करने लगी कि मैं ये सब नहीं कर सकती… तू मेरे बेटे जैसा है।
तो राहुल बोला- साली रंडी… यहाँ अपने यार से चुद रही है तो मुझसे चुदने में क्या परेशानी है?
और उसने यह कहते हुए अपना लंड बाहर निकाल दिया, उसका लंड 7 इंच लंबा था, उसका लंड देखकर मैंने कहा- ठीक है, तू कर लेना जो करना है मगर अभी नहीं अभी यहाँ से जा, मैं तुझे फ़ोन करके बुला लूँगी।
और उसने यह कहते हुए अपना लंड बाहर निकाल दिया, उसका लंड 7 इंच लंबा था, उसका लंड देखकर मैंने कहा- ठीक है, तू कर लेना जो करना है मगर अभी नहीं अभी यहाँ से जा, मैं तुझे फ़ोन करके बुला लूँगी।
राहुल बोला- ठीक है मेरी जान… तेरे लिए एक सरप्राइज भी लेकर आऊंगा उस दिन!
फिर वो बोला- चल एक बार अपनी जवानी के दर्शन तो करवा दे?
यह कहकर उसने नीचे से पकड़ कर मेरा पूरा गाऊन ऊपर उठा दिया।
फिर वो बोला- चल एक बार अपनी जवानी के दर्शन तो करवा दे?
यह कहकर उसने नीचे से पकड़ कर मेरा पूरा गाऊन ऊपर उठा दिया।
अब मैं उसके सामने नंगी थी, तभी उसने मेरी चूत में उंगली डाल दी मैंने उसे पीछे धकेलते हुए कहा- अभी नहीं!
तो वो मुझे चूमता हुआ चला गया।
तो वो मुझे चूमता हुआ चला गया।
अब मुझे शर्मा के ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था, मैं गुस्से में कमरे में गई, उसे बोला- साले मादरचोद… तेरी गांड में इतनी क्या आग लगी थी जो बाहर माँ चुदाने आ गया?
तो वो बोला- डार्लिंग, मैं तो यह देखने आया था कि तुम इतनी देर से बाहर क्या कर रही थी?
यह कहकर उसने मुझे पकड़ लिया और मेरी चुदाई शुरू कर दी।
तो वो बोला- डार्लिंग, मैं तो यह देखने आया था कि तुम इतनी देर से बाहर क्या कर रही थी?
यह कहकर उसने मुझे पकड़ लिया और मेरी चुदाई शुरू कर दी।
मुझे अभी भी बहुत गुस्सा आ रहा था मगर चूत की आग के सामने गुस्सा ठंडा पड़ गया।
जैसे ही चुदाई ख़त्म हुई मैं गुस्से में आ गई और उसे बोला- साले, आज के बाद अपनी गांड जैसी शक्ल लेकर मेरे पास मत आना।
तो वो मुझे मनाने लगा मगर मैंने उसे घर से बाहर कर दिया और सो गई।
जैसे ही चुदाई ख़त्म हुई मैं गुस्से में आ गई और उसे बोला- साले, आज के बाद अपनी गांड जैसी शक्ल लेकर मेरे पास मत आना।
तो वो मुझे मनाने लगा मगर मैंने उसे घर से बाहर कर दिया और सो गई।
अगले दो दिन मैंने राहुल को फ़ोन नहीं किया। राहुल हमारे घर के पास रहता था तो एक दिन शाम को वो तुझसे मिलने आया और किसी काम से जब तू अपने कमरे गया तो वो किचन में मेरे पास आया और मेरी गांड पर एक थप्पड़ मार कर बोला- साली रंडी, तूने फ़ोन क्यूँ नहीं किया?
मैंने उससे कहा- मुझे समय नहीं मिला!
मैंने उससे कहा- मुझे समय नहीं मिला!
तो वो बोला- कल तू ऑफिस मत जाना, कल अमन के स्कूल जाने के बाद मैं आकर तेरी चुदाई करूँगा।
यह कहकर वो चला गया।
यह कहकर वो चला गया।
अगले दिन तेरे स्कूल जाने के बाद वो घर आया और आते ही उसने मेरे कपड़े फाड़ने शुरू कर दिए, मुझे नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया।
मैं मन से उससे चुदाई नहीं करवाना चाहती थी मगर फिर भी मैं फंस चुकी थी।
मैं मन से उससे चुदाई नहीं करवाना चाहती थी मगर फिर भी मैं फंस चुकी थी।
फिर राहुल ने मेरे पूरे बदन को चूसना शुरू कर दिया, उसने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया। थोड़ी देर तक मैंने उसका लंड चूस फिर उसने 69 में आकर मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी, थोड़ी देर बाद उसने मुझे सीधा लिटाकर मेरी चूत में एक झटके में लंड डाल दिया, मेरी उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गई।
फिर वो मेरी चुदाई करने लगा और लगभग 15 मिनट चोदने के बाद मेरे मुंह में झड़ गया। फिर वो मेरे ऊपर से हटा तो मैं बाथरूम चली गई।
जब मैं वापस आई तो दरवाजे पर किसी ने घंटी बजाई तो मैं गाऊन पहनकर देखने चली गई।
जब मैं वापस आई तो दरवाजे पर किसी ने घंटी बजाई तो मैं गाऊन पहनकर देखने चली गई।
जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तेरे 3 और दोस्त बाहर खड़े थे, मैं उनसे कुछ पूछती, उससे पहले ही वो अंदर आ गए और दरवाजा बंद करके मुझे गोद में उठा लिया और अंदर कमरे में ले जाने लगे।
मैं अचानक हुए इस हमले से डर गई।
उन्हें देखकर राहुल हँसने लगा मगर मुझे परेशान देखकर बोला- मेरी जान यही है तेरा सरप्राइज!
तो मैं राहुल पर भड़क गई, मैंने उसे बोला- साले तूने मुझे समझा क्या है कि मैं किसी से भी चुदाई करवा लूँगी? अभी तुम सब यहाँ से निकल जाओ वर्ना मैं शोर मचा दूंगी।
उन्हें देखकर राहुल हँसने लगा मगर मुझे परेशान देखकर बोला- मेरी जान यही है तेरा सरप्राइज!
तो मैं राहुल पर भड़क गई, मैंने उसे बोला- साले तूने मुझे समझा क्या है कि मैं किसी से भी चुदाई करवा लूँगी? अभी तुम सब यहाँ से निकल जाओ वर्ना मैं शोर मचा दूंगी।
अब वो सब डर गए। तभी राहुल मेरे पास आया और बोला- शिल्पा यार, हम चारों तुझे बहुत दिनों से चोदना चाह रहे थे इसलिए हमने अमन से दोस्ती की थी। आज मौका मिला है, प्लीज हमें करने दो… सिर्फ एक बार तुम्हें चोदेंगे, फिर अगर तुम मना करोगी तो कभी नहीं आएंगे।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
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मैंने मन में सोचा कि मैंने पहले कभी 4 लड़कों के साथ एक साथ चुदाई नहीं करवाई है तो यह भी करना चाहिए।
थोड़ा सोच कर मैंने हाँ कर दी मगर मैंने बोल दिया- अगर सालो, किसी और को इस बारे में पता चला ना तो तुम्हारी गांड फटवा दूंगी।
वो चारों खुश हो गए और अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गए फिर चारों ने मिलकर मुझे भी नंगी कर दिया।
उन्होंने बिस्तर पर मुझे सीधा लिटाया और अजय और अंकित मेरे बूब्स चूसने लगे, राहुल मेरे मुंह में अपना लंड डालने लगा और अमित मेरी चूत चाटने लगा।
थोड़ा सोच कर मैंने हाँ कर दी मगर मैंने बोल दिया- अगर सालो, किसी और को इस बारे में पता चला ना तो तुम्हारी गांड फटवा दूंगी।
वो चारों खुश हो गए और अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गए फिर चारों ने मिलकर मुझे भी नंगी कर दिया।
उन्होंने बिस्तर पर मुझे सीधा लिटाया और अजय और अंकित मेरे बूब्स चूसने लगे, राहुल मेरे मुंह में अपना लंड डालने लगा और अमित मेरी चूत चाटने लगा।
मुझे उस वक़्त बहुत मज़ा आ रहा था। अमित के चूत चाटने से लग रहा था कि उसने पहले बहुत चूत चाटी थी।
तभी अमित ने अपना लंड मेरी चूत में डालकर झटके देने लगा बाकि तीनों अपना काम बखूबी कर रहे थे।
तभी अमित ने अपना लंड मेरी चूत में डालकर झटके देने लगा बाकि तीनों अपना काम बखूबी कर रहे थे।
फिर अजय ने अमित की जगह ले ली, वो मेरी चूत की चुदाई करने लगा।
ऐसे ही बदल बदलकर वो चारों मेरी चुदाई करने लगे।
ऐसे ही बदल बदलकर वो चारों मेरी चुदाई करने लगे।
फिर मैंने उनसे कहा- मेरी चूत और गांड में एक साथ लंड डालो।
अजय नीचे लेट गया और मैंने उसका लंड अपनी चूत में सेट करके उसके ऊपर लेट गई पीछे से अंकित ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया।
अजय नीचे लेट गया और मैंने उसका लंड अपनी चूत में सेट करके उसके ऊपर लेट गई पीछे से अंकित ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया।
अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैंने ऐसे पहले भी चुदाई करवाई थी। वो दोनों बहुत अच्छी तरह से मेरी चुदाई कर रहे थे। थोड़ी देर चोदने के बाद राहुल और अमित ने उनकी जगह ले ली।
हमारी इस चुदाई का खेल शाम तक चला, इस बीच पता नहीं मैं कितनी बार झड़ी थी।
अब हम चारों ने अपने आप को साफ़ किया, फिर वो सब चले गए।
हमारी इस चुदाई का खेल शाम तक चला, इस बीच पता नहीं मैं कितनी बार झड़ी थी।
अब हम चारों ने अपने आप को साफ़ किया, फिर वो सब चले गए।
उसके बाद भी तेरे स्कूल जाने के बाद तेरे दोस्त आकर मेरी चूत मारते थे।
अपनी शिल्पा के मुंह से चुदाई की कहानी सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने शिल्पा से कहा- चल मेरी जान, आज एक बार फिर से तेरी चूत मारने के लिए मेरा लंड सलामी दे रहा है।
फिर मैंने शिल्पा को घोड़ी बनाकर उसकी चूत और गांड का बाजा बजाया।
मेरी जान आज भी मुझसे अपनी चुदाई करवाती हैं।
मेरी जान आज भी मुझसे अपनी चुदाई करवाती हैं।
तो दोस्तो, आशा करता हूँ कि मेरी माँ की मेरे दोस्तों के साथ हुई चुदाई की कहानी आपको पसंद आई होगी।
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